सवाल यह है कि आखिर पुष्टाहार की ये बोरियां किराना दुकानों तक किसने पहुंचाई
आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं बंट रहे पोषण आहार के पैकेट, कैसे मिटेगा कुपोषण।
अर्जुन कश्यप
चित्रकूट-जिला मुख्यालय के किराना दुकानों में पुष्टाहार के पैकेट मिलने का मामला सामने आया है
सरकार 6 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से मुक्त रखने के लिए पुष्टाहार की एक पैकेट आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों को बँटवाती है लेकिन सोशल मीडिया में वायरल इस फोटो ने सरकारी दावो की पोल खोल दी है
वायरल फ़ोटो को चित्रकूट जनपद मुख्यालय का बताया जा रहा जिसमे यह दावा किया जा रहा कि कुपोषित बच्चों को योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है,कुपोषण मिटाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे तमाम जतन लेकिन विभाग और आंगनवाड़ी संचालक एवं सुपरवाइजर की लापरवाही के कारण
पुष्टाहार के पैकेट लाभार्थियों तक नहीं पहुंच रहे है इससे कुपोषित बच्चों को योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है। इससे आंगनवाड़ी केंद्रों की व्यवस्थाओ व कार्यकर्त्रियों की कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं
सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा कमेंट कर कहा जा रहा कि बच्चों को कुपोषण से दूर रखने तथा उन्हें स्वस्थ बनाने के लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण आहार का वितरण किया आवश्यक है लेकिन वह किराना दुकानों में जा रहा है
फ़ोटो में दिख रही बोरी पर बाल विकास और पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश और चना दाल लिखा है जिसे साफ तौर पर देखा जा सकता है एक व्हाट्सएप यूजर्स ने लिखा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केंद्र पर आने वाले प्रत्येक बच्चे को यह पैकेट प्रदान नही करती हैं और इसको बेच देती है।
अब देखना होगा की मामले पर क्या कार्यवाही होती है।