लखनऊ-योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल बुरी तरह फँसे हैं। लेकिन सवाल यह है कि किसके आशीष पर मंत्री आशीष पटेल बचे हुए हैं।
लेक्चरर से सीधा HOD बना देना! 6600 की पे-ग्रेड को 9000 कर देना!!
आरक्षण गायब! 50 करोड़ प्रति साल का खेल!! हाईकोर्ट में अपने ही हलफनामे की अनदेखी करना, विरोध में अपने ही OSD का इस्तीफा!!!!
तमाम दस्तावेज़, आशीष पटेल के OSD का इंटरव्यू, Government Polytechnic के serving अधिकारियों का इंटरव्यू, कोर्ट की फाइलिंग, नोटिफिकेशन, सब सामने आ चुका है।
हमने इस बेहद संवेदनशील मामले का एक एक पहलू उजागर कर दिया है।
आशीष पटेल के पास किसी भी तथ्य का कोई जवाब नहीं है, सिवाय इसके कि ये मेरी राजनीतिक हत्या कराने की साज़िश है,
और पीएम कहेंगे तो एक सेकंड में इस्तीफ़ा दे दूँगा।
सवाल ये भी है कि आख़िर आशीष पटेल को इस्तीफ़ा देने के लिए पीएम क्यों कहेंगे?
क्या वो पीएम को रिपोर्ट करते हैं?
क्या वो केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा हैं?
सवाल ये भी है कि मंत्री वे, OSD उनका, साइन उनके, फैसला उनका, सरकार उनकी, फिर उनकी राजनीतिक हत्या कराने वाला ये कौन आ गया?
और यक्ष प्रश्न तो ये है कि क्या आशीष पटेल के मंत्री रहते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच मुमकिन है?
क्या वे जांच होने तक अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे या फिर चिपके रहेंगे?