
चित्रकूट-सत्ता और पद का नशा भी बड़ा अजीब होता है जिसे लगता है उसे फिर कुछ नहीं सूझता ऐसा ही मामला आकांक्षी ब्लॉक रामनगर के ग्राम पंचायत बल्हौरा में देखने को मिल रहा है,जहाँ ग्राम प्रधान रही मिथलेश कुमारी के निधन के बाद उनकी सियासत को संभालने के लिए उनकी दो बहुओं में बगावत हो गई और दोनों ही ग्राम प्रधानी के उप-चुनाव में एक दूसरे के सामने चुनावी जंग में उतर चुकी हैं।
जेठानी और देवरानी के नामांकन के बाद से ही इन्हें समझाने बुझाने में इनके रिश्तेदार समेत तमाम ग्राम पंचायतो के प्रधान तक जुटे रहे लेकिन प्रधान बनने का ख्वाब मन में सजाये बहुओं ने किसी की बात नहीं मानी।


बड़ी बहू ममता
एक ही घर से 2 प्रत्याशी देख हर कोई है हैरान
सवाल यह है कि इसके पहले परिवार में कोई विवाद नहीं था लेकिन चुनाव आते ही दो भाइयों के बीच अचानक आपसी जंग शुरू हो गई जिसकी वजह से देवरानी व जेठानी चुनावी समर में एक दूसरे के आमने सामने आ गई।
कल देर शाम तक ब्लॉक में खासी गहमागहमी मची रही
3 बजे तक जब किसी ने नाम वापसी नहीं की तो निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव चिन्ह की घोषणा कर दी
आशा देवी पत्नी बृजेश कुमार को चुनाव चिन्ह अनाज ओसाता हुआ किसान आवंटित हुआ तो ममता देवी पत्नी निरलेश कुमार को चुनाव चिन्ह इमली दिया गया।
देवरानी-जेठानी के आपसी चुनावी घमासान को लेकर क्षेत्रीय गांव में भी जमकर चर्चा हो रही है कि वाकई यह सत्ता का नशा भी बड़ा अजीब होता है जो रिश्ते नाते को भी ताक पर रख देता है। हालांकि सत्ता का विरोध हमेशा होता है ग्रामीणों की माने तो प्रधान रही मिथलेश कुमारी के समय विकास कार्य लगभग स्थिर रहे,उनका बड़ा बेटा सुनील ही प्रधानी का कार्यभार संभाल रहा था जिसके चलते उसने काफी पैसा कमाया अब प्रधानी का चस्का लगने के कारण सुनील की पत्नी न होने के कारण सुनील ने अपने बड़े भाई की पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा है जिसका विरोध करते हुए उसकी जेठानी भी सामने आ गयी जिससे निर्विरोध चुनाव होना असंभव हो गया अब मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प है 19 फ़रवरी को यहाँ मतदान होना है देखना होगा किसके भाग्य में सास की सियायत का अधिकार मिलता है।
