चित्रकूट-बीते 9 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने dig फायर आईपीएस जुगुल किशोर को आचरण नियमावली उलंघन मामले में सस्पेंड कर दिया है
अखबारों में छपी खबर के मुताबिक dig जुगुल किशोर ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी एक सिपाही पर कारवाई करने की जगह क्लीन चिट दे दिया था
इस विषय पर जुगुल किशोर ने कहा एक अपराध की सजा दो बार नही दी जा सकती मैंने कोई गलत कार्य नही किया है मैं उचित फोरम में अपनी बात रखूँगा।
इसी घटना से असंतुष्ट सवर्ण आर्मी के जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला व अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद के जिलाध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी की अगुवाई में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा
दोनो संगठनों ने मामले पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग करते हुए उनके बहाली की मांग की।
ज्ञापन में कहा गया कि एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी द्वारा हाथरस में राशन विक्रेता योगेश उपाध्याय की हत्या कर दी गई थी। मृतक योगेश उपाध्याय के घर जाकर अनाथ हुए बच्चों के प्रति संवेदना जताना वरिष्ठ अधिकारियों को रास नही आया और जुगल किशोर तिवारी जी को अनर्गल आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया गया। जबकि उनके संवेदनशीलता की सराहना होनी चाहिए थी।
ज्ञापन देने के बाद सवर्ण आर्मी के जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला व अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद के जिलाध्यक्ष पंडित शिवशंकर त्रिपाठी ने मुकेश बताया कि जुगल किशोर तिवारी के निलंबन के विरोध मे राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर दोनो संगठनों द्वारा प्रदेश स्तर पर सभी जिला अधिकारियों को ज्ञापन दिया जा रहा है और उसी परिप्रेक्ष्य में आज चित्रकूट की जिला इकाई द्वारा राष्ट्रपति महोदया को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय पर सौपा गया।
2008 बैच के आईपीएस जुगुल किशोर ने तब अतीक अहमद के घर बुलडोजर चलवाया था जब उसका आतंक चरम पर था,इन्होंने कुख्यात डैकैत घनश्याम केवट को 3 दिन बाद लाइव एनकाउंटर करके मार गिराया था। जिसके लिए इन्हें सराहनीय पुलिस सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक तथा श्रीमद् भागवत गीता का हिंदी में पद्य अनुवाद करने के लिए साहित्य रत्न पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।
ज्ञापन के दौरान शिवशंकर त्रिपाठी,विजय शुक्ला,शिवप्रकाश पाण्डेय,अखिलेश पाण्डेय,गायत्री त्रिपाठी,ममता त्रिपाठी,बादल मिश्रा, अरुण कुमार,अनिल अनिवार्य,सुनील नवोदित,संदीप मिश्रा, शुभम,वनस्पति व प्रियांशु सहित दर्जनों सदस्य रहे।