
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत फेज-1 व फेज-2 में शामिल कराने के बाद भी हालत बदतर है।
चित्रकूट-जहां एक ओर सरकार प्रदेश भर में गांव को साफ-सुथरा और स्वच्छ बनाने के लिए अनेक योजनाए चलाकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायतों में गन्दगी के अंबार लगा हुआ है। स्कूल के सामने गंदगी का अंबार लगा हुआ है और बच्चे इसी के बीच से स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं।

मामला रामनगर विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत इटवा का है जहाँ प्राथमिक विद्यालय(मॉडल) इटवा 1 के सामने गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियों का गंदा पानी विद्यालय के सामने सड़क पर बहता है। जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे भी इसी गदंगी से होकर विद्यालय जाने के लिए मजबूर हैं सबसे बड़ी बात यह है कि इस गाँव को स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत फेज1 व फेज 2 में शामिल कराने के बाद भी हालत बदतर है।सोचने वाली बात यह है कि ऐसे रास्ते से किस तरह बच्चे गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस की प्रभात फेरी निकालते होंगे।
शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सफाई
10 वर्षो से विद्यालय की कमान सम्भाल रहे प्रधानाध्यापक भैयालाल सिंह का कहना है विद्यालय की ओर से कई बार इस गंदगी की सफाई गाँव के सफाईकर्मी को पैसे देकर कराई गई है। ग्राम प्रधान से भी इस गंदगी के समाधान के लिए कहा गया है। लेकिन कोई इस विषय मे ध्यान नही देता।
3 वर्ष से साल भर बरसात जैसा रहता है माहौल
ग्रामीणों का कहना लगातार 3 साल से सरकारी स्कूल के सामने सड़क पर गंदा पानी बहता रहता है किंतु कोई जिम्मेदार ध्यान नही देता है।नालियों का पानी इस कदर सड़क पर बहता है कि गर्मी में भी बरसात की तरह नजारा दिखता है, कई बार बच्चे फिसलकर गिर जाते हैं जिससे उनकी ड्रेस खराब हो जाती है।

खंड विकास अधिकारी ने कही जांच की बात
ग्रामीणों का कहना है कि गंदगी रहने के कारण पूर्व में भी उनका गांव डेंगू से पीड़ित रह चुका है। बावजूद इसके कोई भी जिम्मेदार इसे गंभीरता से नही लेता। इस मामले में खंड विकास अधिकारी वसीम निज़ामी का कहना है कि 2 माह से वो जिम्मेदारी संभाल रहे हैं इस दौरान कोई भी शिकायत नही आई बुन्देल भाष्कर द्वारा मामला उनके संज्ञान में आया है। जिसके समाधान के लिए सम्बंधित सचिव को समस्या के समाधान के निर्देश दिए हैं। वही ग्राम विकास अधिकारी सुरेश चंद्र का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नही थी जबकि प्रधानाध्यापक भैयालाल सिंह का कहना है कि शनिवार(5 अप्रैल 2025) को ही सचिव से मामले की जानकारी दी गई थी जिसे उन्होंने अनसुना कर दिया इस मामले में खण्ड शिक्षाधिकारी एनपी सिंह से सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया।
