
“एक पेड़ माँ के नाम” लगाने की भावना को प्रोत्साहन
चित्रकूट- स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात प्रत्येक वर्ष वन विभाग द्वारा 01 से 07 जुलाई तक वन महोत्सव का आयोजन कर वृक्षारोपण का प्रचार-प्रसार किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष उ०प्र० शासन द्वारा “एक पेड़ मां के नाम” की भावना को उद्देशित करते हुए 01 से 07 जुलाई तक वन महोत्सव कार्यक्रम में जन-प्रतिनिधियों, क्षेत्रीय प्रशासन, शिक्षकों-विद्यार्थियों, आम जनमानस इत्यादि की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए, वृक्ष-पर्यावरण के महत्त्व को प्रचारित-प्रसारित करते हुए बृहद रूप से वृक्षारोपण कार्यक्रम को सम्पन्न कराने के लिए निर्देश दिए गये हैं।
जिसके क्रम में सभी रेंजों में वन महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उ०प्र० शासन द्वारा जनपद-चित्रकूट में कुल 7198440 पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वन महोत्सव-2024 के उपलक्ष्य में आज जिला मुख्यालय के विकास भवन परिसर में जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी एन, पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह,मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर उपस्थिति में वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पौधा रोपण कर वृक्षों का मानव जीवन में महत्त्व बताया गया। जिलाधिकारी ने उपस्थित जन समूह को अधिकाधिक पौधे रोपित कर वर्षा जल संचयन की वृद्धि करने, वातावरण को प्रदूषण मुक्त करने, पौधारोपण को बढ़ाने हेतु सभी का सहयोग प्राप्त करने का अह्वान किया गया।
आपको बता दे कि वर्ष 2024 में चित्रकूट जनपद को उ०प्र० शारान द्वारा 7198440 पौधों का रोपण लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें मुख्यतः वन विभाग का लक्ष्य 4006400 पौध, ग्राम्य विकास विभाग का लक्ष्य 1653120, पर्यावरण विभाग का लक्ष्य 260000 तथा कृषि विभाग का लक्ष्य 350000 है। वन महोत्सव कार्यक्रम में जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी एन० द्वारा पाकड़ पौध रोपण कर महोत्सव का शुभारम्भ किया गया।
कार्यक्रम में उप निदेशक, रानीपुर टाइगर रिजर्व श्री नरेन्द्र सिंह, जिला पंचायती-राज अधिकारी इन्द्र नारायण सिंह, डीसी एनआरएलएम ओमप्रकाश मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी पी डी विश्वकर्मा, वन्यजीव प्रतिपालक,दिलीप कुमार तिवारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी,राजीव रंजन सिंह, क्षेत्रीय वनाधिकारी, श्री नफीस खान, क्षेत्रीय वनाधिकारी रैपुरा राधेश्याम दिवाकर, क्षेत्रीय वनाधिकारी, मारकुण्डी से मो नदीम,विकास भवन के समस्त अधिकारी/कर्मचारी तथा कर्वी रेंज के कर्मचारी उपस्थित रहे।

