बाढ़ के पानी घिरे भदिला प्रथम में नाव ही आवागमन का साधन,बच्चे व महिलाएं जान जोखिम में डाल नाव से करते हैं सफर
श्रवण कुमार गुप्ता
देवरिया(बरहज-गोरखपुर जनपद की गोंद में करीब 45 वर्ष पूर्व उजड़ने के साथ बसा तहसील क्षेत्र भदिला प्रथम गांव करीब छह माह बाढ़ और बरसात के पानी से कैद हो जाता है। राप्ती नदी के पानी से घिरे बरहज के भदिला प्रथम गांव में दुश्वारियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जान जोखिम में डाल बच्चे, महिलाएं रोज नाव से नदी पार कर रहे हैं।
सबसे मुसीबत में स्कूल के बच्चे हैं क्योकि बीते वर्षो में यहां कई बार स्कूल के बच्चों की नाव पलट चुकी है नदी में नाव डगमगाने पर बच्चों का कलेजा कांप जा रहा है। अविभावक भी बच्चों को स्कूल भेजते समय सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं,जिम्मेदारियों की खानापूर्ति करते हुए प्रशासन ने यहां महज एक नाव लगाया है जिससे गांव के लोगो को घंटों इंतजार करना पड़ता है
तहसील क्षेत्र का बाढ़ प्रभावित गांव भदिला प्रथम राप्ती नदी के पानी से घिरा हुआ है। बाढ़ के पानी से घिरे होने के कारण गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित हो गया है। ग्रामीण दिनेश यादव व शिवचन्द बताते हैं कि गांव में प्राथमिक और जूनियर विद्यालय है। बावजूद इसके गांव के सैकड़ों बच्चे जीस्तवलियां, पटनाघाट व कपरवार स्थित निजी विद्यालयों में पढ़ने के लिए जाते हैं।
नाव से करीब दो सौ मीटर नदी के पानी को पार कर बच्चे विद्यालय पहुंच रहे हैं। गत वर्षों में कई बार नदी पार करते समय बच्चों से भरी नाव नदी में पलट गई थी। संयोग ही था की कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ था। घटना को लेकर बच्चे आज भी सहमे हुए हैं।
गांव के रणजीत यादव बताते हैं कि करीब चालीस वर्ष पूर्व नदी ने जब रास्ता बदला तो गांव उजड़ गया। यह एक तरह से गोरखपुर जनपद की गोद में बसा है। चारों ओर क्षारण बन गया। बाढ़ के समय क्षारण में पानी लगने से ही गांव छह माह तक चारों ओर नदी के पानी से घिर जाता है। छह माह तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं।
बाढ़ के पानी से चारो ओर से घिरे रहने पर ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नाव से यात्रा करनी पड़ती है,ग्रामीणों ने गांव में पुल निर्माण कराने की मांग कई बार जननप्रतिधियों से की है लेकिन रेत के पुल की तरह नेताओ के वादे है किसी जनप्रतिनिधि द्वारा कोई ठोस पहल नहीं हुई है। उपजिलाधिकारी अंगद यादव ने बताया कि जरूरत के हिसाब से नाव उपलब्ध कराई गई है। पुल के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।